Tuesday, February 21, 2017

7th Pay Commission Revised Allowances : Committee on Allowances likely to submit report today


7th Pay Commission  Revised Allowances : Committee on Allowances likely to submit report today 

As per Media Reports on websites, it has come to know that after much debate and protest by government employees on some of recommendations made by the 7th Pay Commission on allowances, the government had formed a committee to review the same.

Government employees have been waiting to hear from the central government on allowances since the cabinet cleared the recommendations of the 7th CPC in June last year.

The Committee on Allowances, headed by Finance Secretary Ashok Lavasa, is expected to present its review report to Finance Minister Arun Jaitley today.

The 7th pay commission had recommended reducing the house rent allowance (HRA) to 24 per cent of basic pay as against the 30 per cent of basic pay employees were drawing under the Sixth Pay Commission.

Saturday, January 28, 2017

HOW TO SAVE INCOME TAX AND CALCULATE INCOME TAX THIS YEAR, ITS VERY SIMPLE WAY!!!

HOW TO SAVE INCOME TAX AND CALCULATE INCOME TAX THIS YEAR, ITS VERY SIMPLE WAY!!!


Every person before the end of the financial year, wants to know how to save income tax and calculate income tax. Due to ignorance, it becomes difficult for the employees to properly calculate the income tax. Although income tax calculation is very easy but sometimes employees face difficulty in calculating income tax. 



It is mandatory for the employees to inform their department about their sources of income and total income tax so that the concerned department may deduct income tax out of their salary. 

How to Save Income tax is a good question in the mind of every employee. How to Calculate Income tax is also very much concerned with the employees as well as normal person.  In this regard, I want to share an article recently published on web on how to save income tax and how to calculate income tax properly.

Please do read and get benefit of it.

Income Tax – आम बजट से पहले जानिएकैसे बचा सकते हैं 1,92,878 रुपये तक इनकम टैक्स

Income Tax – आम बजट से पहले जानिएकैसे बचा सकते हैं 1,92,878 रुपये तक इनकम टैक्स.


इस साल आम बजट फरवरी के अंतिम दिन की बजाय पहले ही दिन पेश होने जा रहा है, और हमेशा की तरह आम आदमी का ध्यान अपनी रोज़मर्रा की ज़रूरतों, या कभी-कभी लग्ज़री वस्तुओं के अलावा सिर्फ इस ओर है कि वित्तमंत्री अरुण जेटली उसे इनकम टैक्स (Income Tax) से जुड़ी कितनी छूट देने वाले हैं, या दूसरे शब्दों में वह कितनी रकम अपने परिवार के लिए अतिरिक्त बचा सकेगा.
हिन्दुस्तान के ज़्यादातर नौकरीपेशा लोगों को सिर्फ इनकम टैक्स (Income Tax) में मिलने वाली राहत बहुत बड़ा सहारा मालूम होती है, लेकिन असलियत यह है कि ज़्यादातर लोगों को यह भी मालूम नहीं कि उन्हें वेतन के तहत किस मद में हासिल हुई रकम पर टैक्स देना है, और किस पर नहीं, या किन-किन तरीकों से वे टैक्स की रकम को कुछ और कम कर सकते हैं, ताकि खुद और परिवार के लिए ज़्यादा से ज़्यादा रकम हाथ में बचा सकें.
इस तरह की सभी जानकारियों और सलाह पाने के लिए लगभग सभी लोग अपनेजानकारसाथियों और चार्टर्ड एकाउंटेंटों के अलावा टीवी और समाचारपत्रों में छपने वाले विशेषज्ञों के कॉलमों पर निर्भर रहते हैं, सो आइए, इस बार हम आपको बताते हैं, ऐसे कुछ तरीके, जिनसे आप 1,92,878 रुपये सालाना तक टैक्स की बचत कर सकते हैं.


और हां, यह भी याद रखिए कि इस आलेख में नीचे किया गया पूरा हिसाब-किताब मौजूदा वित्तवर्ष (2016-17) में लागू नियमों के अनुसार किया गया है, सो, अगर वितमंत्री अरुण जेटली इस बार के बजट (यानी 2017-18) में कुछ और छूट देते हैं, तो बचाई जा सकने वाली रकम इससे कहीं ज़्यादा हो सकती है.

करमुक्त यात्रा भत्ता


सबसे पहले यह जान लीजिए, आमतौर पर नियोक्ता की तरफ से आपको दिए जाने वाले वेतन में ऐसा कोई मद (भले ही वह मूल वेतन हो, महंगाई भत्ता हो, या मकान किराया भत्ता हो…) नहीं होता, जो करमुक्त हो, लेकिन फिर भी 1,600 रुपये प्रतिमाह की रकम यदि आपको यात्रा भत्ता (Conveyance Allowance) के रूप में मिलती है, तो वह आपकी करयोग्य आय में सम्मिलित ही नहीं की जाएगी.

मकान किराया भत्ता

अगर आपको मकान किराया भत्ते के मद में कोई रकम हासिल हुई है, तो किराये के मकानों में रहने वाले तो उस पूरी रकम पर टैक्स से बच सकते हैंदरअसल, मकान किराया भत्ते के लिए जितनी रकम पर आपको छूट दी जा सकती है, उसका हिसाब लगाने के लिए गूढ़ गणित जानने की ज़रूरत नहीं होतीमूल वेतन का आधा, मकान किराया भत्ते के रूप में हासिल हुई रकम तथा वास्तव में दिए गए मकान किराये में से मूल वेतन का 10 फीसदी घटाने के बाद जो तीन रकमें आपके सामने आती हैं, उनमें से सबसे कम रकम पर छूट हासिल करने का हक आपको है.
यानी, एक उदाहरण के रूप में, अगर आपको 25,000 रुपये मूल वेतन के रूप में हासिल होते हैं, 12,000 रुपये मकान किराया भत्ता मिलता है, और आप 12,500 रुपये मासिक मकान किराया वास्तव में देते हैं, तो आपके सामने जो तीन रकमें आएंगी, वे हैं – 12,500 (मूल वेतन का आधा) और 12,000 (मकान किराया भत्ता) और 10,000 (वास्तविक मकान किराये में से मूल वेतन का 10 फीसदी घटाने के बाद)… सो, इनमें से आपको सबसे कम रकम, यानी 10,000 रुपये प्रतिमाह या 1,20,000 वार्षिक पर कर छूट प्राप्त होगी.
लेकिन यहां याद रखने वाली सबसे ज़रूरी बात यह है कि हर वेतनभोगी कर्मचारी को मिलने वाला मूल वेतन, मकान किराया भत्ता तथा उनके द्वारा वास्तव में चुकाया जा रहा मकान किराया हमारे द्वारा दिए गए उदाहरण से काफी कम या ज़्यादा हो सकता है, सो, उसी हिसाब से आप कर की रकम में बचत कर पाएंगेनिजी कंपनियों में काम करने वाले बहुत-से वेतनभोगी कर्मचारी ऐसे भी होते हैं, जिन्हें मकान किराया भत्ते की मद में कोई रकम दी ही नहीं जाती, सो, वे कर्मी तो इस छूट से पूर्णत: वंचित रहेंगे.

गृहऋण यानी होम लोन पर छूट

अगर आपने बैंक से कर्ज़ा (होम लोन) लेकर घर खरीदा है, और उसी में रहते हैं, तो उसके लिए दी जाने वाली ईएमआई में से ब्याज़ की रकम को करयोग्य आय में से घटा दिया जाता है, लेकिन यह सीमा फिलहाल 2,00,000 वार्षिक है, लेकिन याद रहे, ईएमआई का शेष हिस्सा, यानी मूलधन वापसी भी आपकी बचत में शुमार किया जाता है, और धारा 80सी के तहत आप उस पर भी छूट हासिल कर सकते हैं, जिसके बारे में इसी आलेख में आगे बताया जाएगासो, अगर आप बैंक को 20,000 रुपये मासिक की किस्त दे रहे हैं, जिसमें औसतन 17,000 रुपये ब्याज़ और 3,000 रुपये मूलधन वापसी है, तो ब्याज़ के तौर पर चुकाई गई 2,04,000 रुपये की रकम में से 2,00,000 लाख रुपये आपकी आय में से घटा दिए जाएंगे, और 36,000 रुपये की मूलधन वापसी आपकी बचत में शुमार करने का हक आपको मिलेगा.

धारा 80सी के तहत मिलने वाली बचत पर छूट


सर्विस क्लास, यानी नौकरीपेशा लोगों का सबसे जाना-पहचाना और आसान सहारा यही नियम होता है, जिसमें आप 1,50,000 रुपये वार्षिक तक की रकम को करमुक्त आय में तब्दील कर सकते हैंइसके तहत आपके वेतन में से कटने वाला प्रॉविडेंट फंड (पीएफ) भी शामिल होता है, और जीवन बीमा पॉलिसियों के लिए दिया जाने वाला प्रीमियम भीइसी के तहत आपके द्वारा राष्ट्रीय बचत पत्रों (एनएससी) में किया गया निवेश भी शामिल होता है, और पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (पीपीएफ) में जमा कराई गई रकम भी.
80सी के तहत आपके दो बच्चों की स्कूल फीस में से ट्यूशन फीस के रूप में दिया गया पैसा भी शामिल होता है, और होम लोन की ईएमआई में चुकाया गया मूलधन भीइसी धारा में म्यूचुअल फंड में किया निवेश भी शुमार किया जाता है, और ऐच्छिक प्रॉविडेंट फंड (वीपीएफ) भीइसके अतिरिक्त एनएससी में पिछले सालों में किया गया निवेश भी पूरी तरह बेकार नहीं जाता है, क्योंकि इस बचत पत्र के लिए प्रत्येक वर्ष मिलने वाले ब्याज़ को एक ओर जहां आपकी आय में शामिल किया जाना चाहिए, वहीं उसे आपका निवेश मानकर 80सी के तहत बचत में भी शामिल किया जाता है.
सो, इस मद में जितना ज़्यादा बचत आप करेंगे, उतना लाभ में रहेंगे, क्योंकि 1,50,000 रुपये प्रतिवर्ष तक की इन मदों के तहत की गई सारी बचत आपकी आय में से घटा दी जाती है.

राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस) के तहत मिलने वाली छूट

धारा 80सी के अतिरिक्त आप राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस) के तहत भी 50,000 रुपये वार्षिक तक की रकम का निवेश कर उसे करयोग्य आय में से कम कर सकते हैंसो, कुल मिलाकर नापतोल कर सही स्थानों पर किए गए निवेश के ज़रिये आप सालाना 2,00,000 रुपये तक की रकम पर कर बचा सकते हैं.

मेडिकल इंश्योरेंस प्रीमियम पर मिलने वाली छूट

इनकम टैक्स (Income Tax) एक्ट की धारा 80डी के तहत भी आप अधिकतम 60,000 रुपये वार्षिक तक की रकम को करमुक्त बना सकते हैंइसके तहत आप खुद, अपने जीवनसाथी और निर्भर बच्चों के लिए दिए गए 25,000 रुपये प्रतिवर्ष तक के मेडिकल इंश्योरेंस प्रीमियम को करयोग्य आय में से घटा सकते हैंइसके अतिरिक्त आप अपने सीनियर सिटिज़न माता-पिता के लिए भी मेडिकल इंश्योरेंस प्रीमियम अदा करने पर 30,000 रुपये प्रतिवर्ष तक की रकम को करमुक्त बना सकते हैंइसी धारा के अंतर्गत आप हेल्थ चेकअप के लिए खर्च की गई रकम पर भी 5,000 रुपये अधिकतम तक की राशि को करमुक्त बना सकते हैं.

बैंक ब्याज़ पर मिलने वाली छूट

आमतौर पर करदाता बैंकों के बचत खातों में मिलने वाले ब्याज़ का ज़िक्र ही आय में नहीं करते हैं, जो गलत हैदरअसल, बैंकों से किसी भी रूप में मिलने वाला ब्याज़ करयोग्य होता है, लेकिन धारा 80टीटीएफ के तहत 10,000 रुपये प्रतिवर्ष तक की ब्याज़ की रकम को करयोग्य आय में से घटाया जा सकता है, यानी हर साल कुल 10,000 रुपये तक का ब्याज़ आपके लिए करमुक्त होता है.
और हां, अगर आपका नियोक्ता आपको वेतन का कुछ हिस्सा री-इम्बर्समेंट के तौर पर देता है, तो भी आप दवाओं, डॉक्टरों की फीस और मेडिकल परीक्षणों पर किया गया 15,000 रुपये सालाना तक का खर्च करमुक्त बना सकते हैं.
सो, अगर आप इन सब मदों में अधिकतम सीमा तक निवेश खर्च करते हैं, और 30 प्रतिवर्ष वार्षिक की दर से कर देने वालों की श्रेणी में हैं, तो हिसाब लगाकर देखिए, कुल मिलाकर आप कितनी रकम को करमुक्त बना सकते हैं, और कितना टैक्स बचा सकते हैं.

करमुक्त यात्रा भत्ता : 19,200 रुपये वार्षिक
मकान किराया भत्ता (ऊपर दिए उदाहरण के अनुसार) : 1,20,000 रुपये वार्षिक
होमलोन पर चुकाया गया ब्याज़ : 2,00,000 रुपये वार्षिक
80
सी के तहत की गई बचत : 1,50,000 रुपये वार्षिक
एनपीएस के तहत की गई बचत : 50,000 रुपये वार्षिक
मेडिकल इंश्योरेंस प्रीमियम : 60,000 रुपये वार्षिक
बैंक ब्याज़ (80टीटीएफ) : 10,000 रुपये वार्षिक
मेडिकल री-इम्बर्समेंट : 15,000 रुपये वार्षिक

इस तरह करयोग्य आय में से घटाई जाने वाली कुल रकम बनेगी 6,24,200 रुपये, और अब यदि आप 30 प्रतिशत कर देने वाली स्लैब का हिस्सा हैं, तो आपने अभी-अभी शिक्षा उपकर (एजुकेशन सेस) सहित कुल 1,92,878 रुपये का आयकर, यानी इनकम टैक्स बचा लिया हैऔर एक बार फिर बता दे रहे हैं कि यह सारा हिसाब-किताब चालू वित्तवर्ष में लागू नियमों के अनुसार किया गया है, सो, अगर वितमंत्री अरुण जेटली 1 फरवरी को पेश होने जा रहे आम बजट में कुछ और छूट देते हैं, तो बचाई जा सकने वाली रकम इससे कहीं ज़्यादा भी हो सकती है.


Source: gconnect




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